Tuesday, 16 December 2014

करीब...

अब क्या कहूँ 
मैं 

बस खोयी सी 
थोड़ी 
सोयी सी, इंतज़ार में इसी 

कि 
जो रात है 
वो 
और काली होगी, जो चाँद है वो 
कुछ और करीब होगा 



तारे से न हो, 
रात से न हो, 

बस मेरा हबीब है 


छायाचित्र : एक मित्र 

Saturday, 6 December 2014

Disappointment

"Was it so important?",she said disappointed
"It's not about that thing, it's the time I spent there with it", he replied
"It pricks me when you do this, just because you don't love me",
"Love & pricks" he smiled faintly,"does not go in same line,sweetheart"

Wednesday, 26 November 2014

महक.....!

और आप मुस्कुरा कर रह गये
निगाहों से आपकी

वक़्त कुछ थम सा चला 
उन लम्हातों के दौरां 

अधरों की अदाकारी 
जुम्बिश भवों के दरम्यान 

ले बैठी एक रूह को 
कुछ इस क़दर 

कि ज़र्रा ज़र्रा महक उठा
किसी कायनात का । 

Friday, 24 October 2014

A thought!

It's begins
Every time, yes! Every time!!

When I sit through a calm night,
Thinking of random things!

And the thought of of a thought
Which has been a quiet a thought

Enters in me as if it was there already!
Was not it?!

Well, then it stays like it does always
It's thought of being with the being!!

Saturday, 18 October 2014

अधिक मास!!

और बह उठा वो दर्द, भावों में
जो था क़ैद हृदय में

हर अश्रु के साथ
बहता अविरल, अदृश्य

इक उम्मीद है  कहीं
उस अंधेरे कोने में

उम्मीद कहूँ या चाह
या फिर कोइ नया है ये भाव

अगर कुछ है पता
तो यही कि

कुछ नहीं है
कुछ है अधिक मास!!

Saturday, 11 October 2014

Yes! It does!

I don't say it
I don't know why

It's just it hurts
It hurts to see expectation

Building
On that one word

Which
We might not even understand
Let alone embrace

It hurts

When one thinks
"How could you?"

Asks
"Why the hell"

Doesn't pickup the call
Not because not feeling like
But it's a punishment


It's hurts! Yes, it does!


Thursday, 25 September 2014

May be....

Love
Ah!
I wonder! I explore!

That strange feeling when

I look at those eyes filled with care and...... ??love??
Or when her voice says blankly,"called just like that, don't know why"
While eyes are probably trained in a blank stare


That strange feeling when,

A palm is in another, more aged one, voice comes,"y're so big now"


That strange feeling when

A hug become so tight that it should hurt but it does not...


That strange feeling when

A face snuggle in another chest and to rest there like forever....

Well, may be.

Wednesday, 3 September 2014

इमरोज़

इश्क़ है ये या है अदावत
उस प़ाक जज़्बे की एक हंसीं पेशकश

न इल्म है हमें हमारे होने का 
न है, ना होने का अफ़सोस 

बस है अगर कुछ तो वो है
इमरोज़, इमरोज़, इमरोज़!!!


Wednesday, 14 May 2014

लफ्ज़

हमें है आपके अश्क़  नापसंद  
और  कमबख्त हम ही उनकी वजह बन जाते है  
इसे ज़िन्दगी कहे या कहे कोइ अफ़साना 
आप हमें आज भि उतने हि हसीँ नजर आते हैं  

हम आपकी पलकोँ के पानी कि चिंता में खोये थे 
और आपने इस कायनात के हालात पूछ लिये हमसे 
जैसे उन्हे नसीब है जन्नतो कि खिलखिलाहट 

 लफ्ज़ ऐसे कह गये 
कुछ कम कि कुछ ज्यादा कह गये 
दिल है कि मानता नहि 
 आप हमें दीवाना कह गये 

मुस्कराहट आपकी अगर बरक़रार है 
हमारे जनाजे से अगर 
कह दिया होता हमें 
रोज़ शाम कन्धा देने बुलवा लेते आपको 

Saturday, 3 May 2014

सोच

कागज कि नाव जैसे उन लहरों पे  
 इठलाती, बलखाती, मदमस्त सी 

स्वछंद, बतियाती हवाओं से 
कुछ कहती कुछ सुनती 

अपने डर को छुपाती 
डूब जाने के उन्ही लहरों में 

जैसे ना चाहती हो
जाने कोइ 

धड़कता है दिल 
जोरों से कुछ इस तरह 

की साथ छोड़ देगा 
बस इस लहर के बाद 

और लहर दर लहर 
कुछ इसी तरह ज़िन्दगी 

गुजरती रही, हमने सोचा 
क्या पता था कि वोह हम थे जो रहे थे गुजर.... 




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