तड़प,
नहीं पता मुझे
बस जी नहीं पाता हूँ
तेरी निगाह के
स्पर्श से
मरहूम
खुशबू
जब न हो ज़हन में वो
सांस ले नहीं पता हूँ
वक़्त
बेवक्त
बस यही
मैं कह नहीं पाता हूँ
नहीं पता मुझे
बस जी नहीं पाता हूँ
तेरी निगाह के
स्पर्श से
मरहूम
खुशबू
जब न हो ज़हन में वो
सांस ले नहीं पता हूँ
वक़्त
बेवक्त
बस यही
मैं कह नहीं पाता हूँ